राष्ट्रीय पोषण माह: कुपोषण के खिलाफ जागरूकता अभियान | NewsRPT
राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान पूरे भारत में कुपोषण के खिलाफ जागरूकता अभियान तेज हो गया है। विभिन्न जिलों में, स्वास्थ्य विभाग, आईसीडीएस (एकीकृत बाल विकास सेवाएँ), और यूनिसेफ जैसे संगठनों के सहयोग से विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य नागरिकों को संतुलित आहार के महत्व के बारे में शिक्षित करना और कुपोषण को रोकने के लिए आवश्यक कदमों की जानकारी देना है।
पोषण जागरूकता रैलियाँ और कार्यक्रम
कई स्थानों पर, छात्राओं द्वारा पोषण जागरूकता रैलियाँ निकाली जा रही हैं, जिन्हें स्थानीय अधिकारियों द्वारा हरी झंडी दिखाई जा रही है। इन रैलियों का उद्देश्य लोगों को पोषण के महत्व के बारे में जागरूक करना और उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। कार्यक्रमों में, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आशा बहुएं ग्रामीण महिलाओं को पोषण माह के महत्व और परिवार के स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव लाने के बारे में जानकारी दे रही हैं।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन के सेवन के महत्व पर जोर दे रही हैं। वे माताओं को संतुलित आहार के लाभों और बच्चों के स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्वों के बारे में शिक्षित कर रही हैं।
पोषण मेला और जागरूकता कार्यक्रम
भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के केंद्रीय संचार ब्यूरो द्वारा यूनीसेफ और आईसीडीएस के सहयोग से पोषण मेला सह जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन मेलों में, लोगों को पोषण से संबंधित विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी जाती है, जैसे कि:
- संतुलित आहार क्या है
- कुपोषण के कारण और प्रभाव
- कुपोषण से बचाव के उपाय
- सरकारी योजनाएं और कार्यक्रम
राष्ट्रीय पोषण माह एक महत्वपूर्ण पहल है जो कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। जागरूकता कार्यक्रमों और रैलियों के माध्यम से, यह अभियान लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और अपने परिवारों को कुपोषण से बचाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।